सरकार इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने के लिए गोपालन और पशु शेड के लिये सैकर 90% अनुदान दे रही है
सरकार इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने के लिए गोपालन और पशु शेड के लिये सैकर 90% अनुदान दे रही है ,पशुपालन मंत्री बादल ने कहा कि लगातार जलवायु परिवर्तन की वजह से राज्य का किसान बीते दो वर्षों से लगातार प्रभावित हो रहा है। खेती-किसानी और बाड़ी पर हमारे राज्य के किसानों की आजीविका निर्भर है। ऐसे में मॉनसून की बेरुखी की वजह से कृषि की पैदावार प्रभावित हुई है। इसलिये किसानों को खेती के साथ साथ बाड़ी पर भी फोकस करने की जरूरत है।
पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के सृजन के साथ ही दैनिक आय का अच्छा ज़रिया है, जिसके चलते सरकार पशुपालन के लिए किसानों को भारी अनुदान देती है। इस कड़ी में सरकार पशुपालन के लिए किसानों को भारी अनुदान देने जा रही है।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री ने 15 दिसंबर के दिन कांके स्थित क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय परिसर में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अन्तर्गत पशु पक्षी मेला सह प्रदर्शनी का उद्धाटन करते समय यह बात कही। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कार्यक्रम में गाय, बैल और बत्तख का वितरण भी किया गया।
सपने को साकार करें
किसानों को अपनी आमदनी बढ़ानी है और अपने सपने को साकार करना है तो आपको पशुओं की देखभाल, उनसे होने वाली आमदनी और उनके पोषण के बारे में पूरी जानकारी लेनी होगी, मतलब साफ है कि आपको उस क्षेत्र में प्रशिक्षित भी होना होगा। पशुपालन मंत्री ने कहा कि हमें वैकल्पिक उपाय तलाशने होंगे इसके लिये पशुधन से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है।
महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा कि फार्म में सुधार के कई अप्रत्यक्ष परिणाम सामने आते हैं जो दिखाई नहीं देते लेकिन आपके जीवन को बदलने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और फॉर्म के जिर्णोद्धार का उद्देश्य भी ये ही है। बीते चार महीने में कई स्तर पर बदलाव हुए हैं।
एक किसान प्रशिक्षित होता है तो वह किसान अपने गांव और क्षेत्र में 50 किसानों को व्यवहारिक तौर पर शिक्षित कर सकता है। विभाग ने कई स्तर पर प्रयास किये हैं और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आये हैं। हमने जीर्ण-शीर्ण पशुधन केन्द्रों को पुनर्जीवित करने का काम किया है और आज इसकी शुरुआत हो चुकी है।
पशुपालन निदेशक आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग का उद्देश्य ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना है। हम हर साल 9000 पशुपालकों को प्रशिक्षित करते हैं और फार्म का यही उद्देश्य है कि राज्य का हर किसान पशुधन के पोषण, रखरखाव और उसका उपयोग आर्थिक समृद्धि के तौर पर कर सकें।